Mother's Day: जाने किस देश में कैसे मनता है मदर्स डे
मदर्स डे, भारत में मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। अलग-अलग देश में भिन्न भिन्न तोर तरीकों के साथ दिन भी अलग होते हैं मदर्स डे को सेलिब्रेट करने के।
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Mother's Day Celebration In Hindi |
Mothers Day Jaane Kis Desh Mein Kaise Celebrate Hota Haiजाने किस देश में कैसे मनता है मदर्स डे
थाईलैंड
यहां मदर्स डे की शुरुआत 15 अप्रैल 1950 में हुई थी, लेकिन 1976 में ये दिन बदलकर 12 कर दिया गया। ये तारीख थाईलैंड की रानी सिरिकित के जन्मदिन की है, जिन्हें मदर ऑफ ऑल भी कहा जाता है। हर साल इस दिन थाईलैंड के घर और पब्लिक प्लेस को लाइटों और महारानी की तस्वीरों से सजाया जाता है।
यूके और आयरलैंड
मदरिंग संडे जल्द से जल्द 1 मार्च (उस साल जब ईस्टर दिवस 22 मार्च को पड़ता है) या देर हुई तो 4 अप्रैल को (जब ईस्टर दिवस 25 अप्रैल को पड़ता है) मनाया जाता है।
अरब देश
अरब देशों में मदर्स डे 21 मार्च को मनाया जाता है। ये दिन मिस्र के एक पत्रकार मुस्तफा अमीन के प्रयासों के बाद मनाया जाने लगा। माना जाता है कि एक विधवा मां, जिसने अपने बच्चे को पालने-पोसने के लिए अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया। बच्चा डॉक्टर बना और शादी होने के बाद माँ को भूल गया। शुरुआती दौर में मिस्र के राष्ट्रपति गैमल अब्देल नासीर ने उपहास उड़ाया, लेकिन बाद में 21 मार्च 1956 का व दिन मदर्स डे के तौर पर मनाया जाने लगा।
अमेरिका / कनाडा
यहां मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाते हैं। 1914 में अमरीकी महिला एना जारविस की कड़ी कोशिश के बाद इस दिन को मदर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा। दरअसल एना ने इस दिन की शुरुआत अपनी मां के निधन के बाद की। एना की मां ने अमरीका के एक शहर में मदर्स डे क्लब खोला था, जो कई तरह के सामाजिक काम करती थीं।
वियतनाम
वियतनाम में मातृ दिवस को ले वू-लैन कहा जाता है और ये चंद्रनामा के सातवें महीने के पन्द्रहवें दिन मनाया जाता है। जो लोग अपनी मां के साथ रह रहे हैं, उन्हें शुक्रगुजार होना चाहिए, जबकि जिनकी माताओं की मृत्यु हो गई है, उन्हें अपनी मां की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
जापान
यहां मदर्स डे महारानी कोजुन (सम्राट अकिहितो की माँ) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता था।
फ्रांस
फ्रांस में कम होती जन्म दर को देखते हुए 1896 और 1904 में एक कोशिश की गई। वो ये कि जिन माताओं के ज्यादा बच्चे हैं, उनको सम्मानित किया जाने लगा ताकि अधिक से अधिक बच्चों को माताएं जन्म दें और 1920 में फ्रांस की सरकार ने इस दिन को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी।
इंडोनेशिया
1953 से हर साल 22 दिसम्बर को इंडोनेशिया में ये दिन इंडोनेशियन वुमेन कांग्रेस की 25वीं सालगिरह के मौके पर मानाया जाने लगा। जिसका मकसद इंडोनेशियन महिलाओं के उत्थान, स्पिरिट को सेलिब्रेट करना था।
बोलीविया
कोरोनिल्ला युद्ध को स्मरण करने के लिए 8 नवम्बर 1927 को कानून पारित किया गया। यह युद्ध 27 मई 1812 को उस जगह हुआ था जो अब कोचाबाम्बा का शहर कहलाता है। इस लड़ाई में, उन महिलाओं का स्पेनिश सेना द्वारा सरेआम कत्ल कर दिया गया जो देश की आजादी के लिए लड़ रही थीं।
नेपाल
यहां 'माता तीर्थ औशी, जिसका अनुवाद है मदर पिलिमेज फोर्टनाइट' जो वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष में अमावस्या के दिन पड़ता है। इसलिए इसे माता तीर्थ औशी' कहते है। यह त्योहार जीवित और स्वर्गीय माताओं के सम्मान में मनाया जाता है।
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